देश में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में इस महामारी का स्थानीय स्तर पर तेजी से फैलाव होने से प्रशासन हैरान है। विशेषज्ञ इसे स्टेज-3 का संक्रमण मान रहे हैं, जबकि सरकारी मशीनरी स्टेज-2 का संक्रमण मान रही। इसमें यह बात तय है कि अब तक स्वास्थ्य विभाग एक भी मरीज में बीमारी का स्रोत पता नहीं कर पाया है, लिहाजा कम्युनिटी संक्रमण की स्टेज में हम पहुंच चुके हैं। शहर में वायरस की आहट 31 जनवरी को पहली बार सुनाई दी, जब चीन से लौटे 21 वर्षीय छात्र और 22 वर्षीय छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि जनवरी, फरवरी और मार्च के शुरुआती 22 दिन एक भी मरीज नहीं मिला, पर इसके बाद 63 मरीज हो गए। इसे ही विशेषज्ञ व डॉक्टर सामुदायिक संक्रमण बता रहे हैं। रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन और कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. संजय दीक्षित कहते हैं कि केसों की संख्या देख लग रहा है कि यह स्टेज-3 संक्रमण की तरफ बढ़ रहा है। भले ही ज्यादातर मरीज, किसी पूर्व में मिले पॉजिटिव मरीज के रिश्तेदार हों, पर शुरुआती दौर में किसी की कॉन्टेक्ट या ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली।
मरीजों ने छिपाया हो, यह भी संभव
लखनऊ मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. वीके श्रीवास्तव के मुताबिक, स्टेज-3 का मतलब है कि संक्रमित में बीमारी का स्रोत पता नहीं हो। इंदौर के पॉजिटिव मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिलने का मतलब यह भी हो सकता है कि मरीजों ने नहीं बताया हो।
मरीजों का डाटा जांचने पर मिलेगी लिंक, मू